See in English Ver en Español समीर का परिचय

समीर रावल वेबपृष्ठ
-स्पैनिश एवं कातालान भाषा-संस्कृतिविद्
-लेखक
-साहित्यिक एवं भाषा अनुवादक व दुभाषिया


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*इंसतितुतो सेरवांतेस, नई दिल्ली द्वारा आयोजित 'स्पेन' व स्पैनिश पर एक संवाद

*सिद्धार्थ चंद्रशेखर के यूट्यूब चैनल पर एक लंबा इंटरव्यू: espanolpordentro (चैनल का नाम)

समीर के कुछ नवीनतम कार्य:


-शहनाज़ बशीर के नब्बे के दशक के कश्मीर पर आधारित सुप्रसिद्ध अँग्रेज़ी उपन्यास 'द हाफ़ मदर' का हिन्दी अनुवाद (अक्तूबर 2024 में रीथिंक बुक्स द्वारा प्रकाशित)

-आपराधिक उपन्यासों की मशहूर बहुत-से पुरस्कार प्राप्त कातालान लेखिका तेरेसा सोलाना के आपराधिक कहानी संकलन का हिन्दी अनुवाद 'ग्रे मैटर',(सितंबर 2024 में रीथिंक बुक्स, संगरूर द्वारा प्रकाशित)

-कोलोंबियाई नोबेल पुरस्कार विजेता गाबरिएल गारसिया मारकेज़ के अपने एक दोस्त संग ज़िंदगी और साहित्य पर संवाद, हिन्दी अनुवाद 'अमरूद की महक' जिसे भारतीय पाठकों में खूब पसंद किया जा रहा है!

-प्रतिलिपि पर समीर का उपन्यास का.का.का व अन्य कहानियाँ पढ़ें

-ऑनलाइन पत्रिका Inforanjan.com पर प्रकाशित कुछ कहानियाँ

हिन्दी, अँग्रेज़ी, स्पैनिश व कातालान भाषायों में लेखन व अनुवाद का कार्य करने वाले समीर ने स्पैनिश में अपना बी.ए व एम.ए ज.ने.विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से 1996 में पूरा किया। बाद में यह स्पैनिश में गहन अध्ययन कोर्स करने मेक्सिको गए, जहाँ इन्हें वहाँ की सरकार द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की गई। तासको शहर व पुएबला नगर, मेक्सिको में एडवांस डिप्लोमा व साहित्यिक सेमिओटिक्स (संकेत विज्ञान) पर एक साल तक शोध कर यह फिर दिल्ली लौट गए।

अपनी पढ़ाई की शुरुआत से ही यह अनुवादक/दुभाषिए के रूप में भिन्न-भिन्न जगहों पर काम करते रहे।

2002 में यह बारसेलोना आटोनॉमस विश्वविद्यालय गए, जो कि स्पेन और यूरोप का भी जाना-माना शोध केंद्र हैं, जहाँ इन्होंने अनुवाद व अंतर-सांस्कृतिक शोध पर अपनी पीएच.डी की शुरुआत की। वहाँ तीन साल तक इन्हें स्पेन सरकार ने छात्रवृत्ति दी। अपने शोध के सिलसिले में इन्होंने एक सेमिस्टर SOAS (School of Oriental and Asian Studies), लंदन यूनिवर्सिटी में भी गुज़ारा।

बारसेलोना नगर में इन्होंने कातालान भाषा सीखनी शुरू की और उसमें उच्च स्तर की काबलियत हासिल की; यह भाषा उत्तर-पूर्व स्पेन की आंचलिक भाषा है जिसके विश्व में लगभग 1.4 करोड़ बोलने वाले हैं। इस भाषा को स्पेन में जनरल फ्रांको के तानाशाह राज में छत्तीस साल तक दमित किया गया। बारसेलोना में इन्होंने एशिया हाउस में पाँच साल तक हिन्दी पढ़ाई, और वहाँ के अन्य विश्वविद्यालयों में अनुवाद पर भी कोर्स पढ़ाए। फिर इनकी कविताओं का संकलन बारसेलोना आटोनॉमस विश्वविद्यालय ने ही प्रकाशित किया। और सम्मानित कातालान लेखिका मर्से रुदुरेदा के इनके हिन्दी अनुवाद भारत में प्रकाशित हुए। इतिहास में प्रथम बार कातालान लेखन का सीधे हिन्दी में अनुवाद हुआ।

यह लगभग दस साल तक वहाँ बारसेलोना में रहे और स्पेन सरकार, कातालुनया सरकार, स्पैनिश नगर निगमों, प्रकाशन संस्थानों (जैसे लोनली प्लैनेट), स्पैनिश सामाजिक सेवा,पुलिस व न्याय विभागों इत्यादि के लिए अनुवादक व दुभाषिए का काम भी करते रहे। भारत में भी सरकार व अन्य संस्थानों के लिए कार्य किया।

उस वक़्त भारत में इनके अनुवादों को यात्रा बुक्स (Yatrabooks.com) द्वारा प्रकाशित किया गया।

अन्य प्रकाशनों की सूची में शामिल इन्होंने हारपरकॉलिन्स इंडिया प्रकाशन के लिए 2012 में एक हिन्दी उपन्यास 'दास्तान-ए-काकाका' लिखा जो अब प्रतिलिप बुक्स पर ऑनलाइन उपलब्ध है। और एक स्पैनिश में लघु उपन्यास लिखा जो सिर्फ दोस्तों में ही उपलब्ध करवाया गया।

इन्होंने दिल्ली लौटकर जामिया मिलिया इस्लामिया में कातालान भाषा पढ़ाई और अनुवादक की हैसियत से अन्य प्रकाशन करते रहे। स्पेन एम्बेसी नई दिल्ली की सांस्कृतिक संस्था इंसतितुतो सेरवानतेस के साथ इन्होंने बहुत-सी सांस्कृतिक व अनुवाद संबंधी गतिविधियों में भागीदारी की और अब तक कर रहे हैं। इनमें दिल्ली में मौजूद स्पैनिश बोलने वाले डिप्लोमैट्स व अन्य लोगों को हिन्दी पढ़ाना भी शामिल है, जो पहले कभी नहीं किया गया था। व इसी संस्था का 2024 में यूरोपीय संघ द्वारा दिल्ली में आयोजित लॉन्ग नाइट्स ऑफ लिटरेचर में लेखक व अनुवादक के रूप प्रतिनिधित्व किया।

कुछ अन्य कार्यों में अर्जेंटीनी एम्बेसी के लिए वहाँ की सांस्कृतिक पहचान तांगो कविताओं का अँग्रेज़ी व हिन्दी अनुवाद, आदिवासी कवियित्री जसिंता केरकेट्टा के कविता संकलन 'अंगोर' का हिन्दी से स्पैनिश अनुवाद भी सम्मिलित है।

इन्हें दशकों से अनुवाद क्षेत्र में कार्य करने वाली भारतीय अनुवाद परिषद द्वारा प्रतिष्ठित 'द्विवागीश पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है और यह चार्ल्स वालेस ट्रस्ट (Charles Wallace Trust), लंदन के फेलो भी रह चुके हैं।

यह अक्सर स्पेन जाते रहते हैं और भारत में दिल्ली व लैंसडाउन, उत्तराखंड के बीच अपना समय व्यतीत करते हैं।

समीर के कार्य से संबंधित कुछ रोचक ऑनलाइन लिंक:

-एक हिन्दी कविता की रिकार्डिंग

-बारसेलोना इंक पत्रिका में प्रकाशित कहानी

-पाँच भारतीय कवि कविता संकलन का विमोचन (त्रिभाषी प्रकाशन)

-स्पैनिश अखबार एल पेरिओदिको में पूर्ण आखरी पृष्ठ में इंटरव्यू

-कविता किताब खरीदें

-पेन कातालान में समीर का पृष्ठ

-प्रतिलिपि पत्रिका में परिचय

-इंसतितुतो सेरवानतेस में कविता संवाद

-कातालान विकिपेडिया में आलेख

-लेजेश बारसेलोना लिंक

-मेक्सिको लिटफेस्ट बारसेलोना से छवि

-स्पैनिश लघु उपन्यास विमोचन

-ग्रानादा विश्वविद्यालय में लेख प्रस्तुति

-बालेआर अखबार में इंटरव्यू

-सराय रीडर, सी.एस.डी.एस (सेंटर फॉर स्टडीज़ ऑफ डेवेलपिंग सोसाइटीज़, दिल्ली) में प्रकाशित लेख

-रुदुरेदा की सम्पूर्ण कहानियों के हिन्दी प्रकाशन पर स्पेन में लेख

-अर्जेंटीनी कवियित्री आलेखानद्रा पीज़ारनिक पर प्रस्तुति, इंसतितुतो सेरवानतेस नई दिल्ली



-'बक्सा चंदन का' पर एल पाइस स्पैनिश समाचार-पत्र में समीक्षा

-'रुदुरेदा के हिन्दी अनुवादों के पाठक' विषय पर इंटरव्यू डाउनलोड करें

-'गेंहू की बालियाँ' पुस्तक पर समीक्षा डाउनलोड करें

-ओआखाका बाजार में चीनी लहसुन कैप्सूल बेचने वाले एक सेल्समैन की ऑडियो रिकार्डिंग डाउनलोड करें (2015 में मेक्सिको में सफर के दौरान)

-रुजेर बेरनात के नाटक में अभिनय व अनुवाद, ग्रेक नाट्य उत्सव, बारसेलोना, स्पेन, 2004

-publico.es स्पैनिश ऑनलाइन अखबार में लेख

-रुदुरेदा की कातालान लघु कहानी 'आया' हिन्दी अनुवाद डाउनलोड करें

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